Hindi Articles
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हमें तो स्टार चाहीए, सेहत जाए भाड़ में
मैगी की मिलावट के मुद्दे ने यह चर्चा छेड़ दी है कि ब्रांडेड उत्पाद सभी नियम कानूनों को धत्ता बता कर मनमानी करते फिरते हैं और लोगों की सेहत की एेवज में मोटा माल कमा रहे हैं। इसके साथ ही मैगी के स्टार प्रचारकों को भी कटघरे में खड़ा किए जाने को लेकर चर्चा छिड़…
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जनाब प्रसून पर नहीं मुझे तों सवालों से भागने वालों पर एतराज़ है
बात सिर्फ प्रसून जोशी की नहीं गीतकारों की उस पीढ़ी की है या कहूं फिल्मी लेखकों की है जिन्होंने साहिर द्वारा दिलवाए सम्मानजनक स्तर को गिरा दिया। मैंने सवाल प्रसून की प्रतिभा पर और उनके गीतों पर नहीं उठाए न ही मुझे उनके किरदार पर कोई शक है, यहां तक की पिछली पोस्ट में मैंने…
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प्रसून जोशी को ‘कैमरा’ कीड़े ने काटा
सबसे पहले तो आपकी याददाशत दरुस्त कर दूं, जी हां ये प्रसून जोशी गेंदा फूल वाले गीतकार ही हैं और सुनिए जनाब ये कीड़ा है ही इतना खतरनाक कि जितना इससे बचो ये उतना ही काट खाने को दौड़ता है, अब आप हस्ती हैं, बॉलीवुड के अरमानों की बस्ती हैं, तो ये कीड़ा आपको भी…
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क्या आपने मनाई कभी ऐसी गांधी जयंती
आप और मैं हम सब कलमघिस्सू, दिमाग रगड़ और बातों के पीर दूसरों पर भड़ास निकालने के लिए न जाने क्या क्या लिखकर कागज़ और बिल गेट्स के सर्वर को काला करते रहते हैं। गांधी जयंती पर भी हम सब ने मिल कर उनके बारे में लिखने के नाम पर ब्लागवाणी पर भी ख़ूब बोझ…
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लोकी काफर काफर आखदे, तू आहो आहो आख
बुल्लेया आशिक होयों रब्ब दा, मलामत पई लाख,लोकी काफर काफर आखदे, तूं आहो आहो आख। इश्क मिजाजी और इश्क हकीकी में क्या फर्क होता है? बाबा बुल्ले शाह के बिना और कौन समझा सकता है। जिसका आशिक होने से समाज लोग काफिर काफिर कहने लगे, बुल्ला उसी के नाम के घूंघरू पहन आहो आहो (हांजी-हांजी)…
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आंसूओं का भाड़ा – शिव कुमार बटालवी
हम शिव के उस छोटे से चौबारे में पहुंचे, जहां शिव ने कई खूबसूरत शामें गुजारी Shiv Kumar Batalavi, Memories of Shiv Kumar Batalavi, Biography of Shiv Kumar
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और गुरदास मान फफक कर रोने लगे (खास वीडियो)
गूरदास मान न सिर्फ पंजाबी गायकी की जीती जागती विरासत हैं, बल्कि पंजाबी गीतकारी के स्तर को कायम रखने में भी उनकी अहम भूमिका है। गुरदास के लिखे गीत कई सामाजिक बुराईयों के खिलाफ मुहिम बन कर खड़े हुए हैं और जो काम बड़े बड़े प्रचारक या नेता नहीं कर सके गुरदास के गीतों ने…
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झाड़ू पोछे से पेरिस तक का सफर:बेबी हालदार
अक्सर हम सब लिक्खड़ सोचते हैं कि हम सब ही सबसे ज्यादा समझदार हैं और साधारण से दिखने वाले लोग गंवार। बेबी हालदार ने सभी कलम के ठेकेदारों की ऐसी सोच के गाल पर वो तमाचा जड़ा है कि हम जमीन पर लौट आएं। मैं अपनी तरफ से उनके बारे में ज्यारा बातें नहीं करना…
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लालू जी हम से का भूल हुई
लालू जी ने रेल बजट में ग्रेजुएशन तक की छात्राओं को मुफ्त रेल सुविधा देने की घोषणा कर दी। अच्छी बात है। दूर दराज के इलाकें से शहर पढ़ने आने वाली छात्राओं से इसे जरूर फायदा होगा। लेकिन लालू जी जितनी लड़कियां पड़ने जाती हैं, उतने ही लड़के भी कॉलेज जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से…
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धोनी ले लो, सचिन लेलो, भाजी (भज्जी) ले लो
हर रोज मेरी आंख सुबह एक आवाज से खुलती है, आलू ले लो, गोबी ले लो, बैंगन ले लो ओ ओ ओ। हर रोज इस बात के लिए हम अपनी अम्मा को भला बुरा कहते हैं कि वह गली में सब्जी बेचने आने वाले को घर के सामने बुला लेती हैं और वह अपने मधुर…